झुंझुनूं। पुलिस एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के तार सीधे झुंझुनूं जिले से जुड़े हुए हैं। झुंझुनूं जिले के बिसाऊ के नजदीक के गांव धीरासर के यूनिक उर्फ पंकज भांबू ने ही एसआई भर्ती 2021 का पेपर लीक किया था। उसने जयपुर के स्कूल से सबसे पहले पेपर की फोटो खींचकर व्हाटसएप पर गैंग के सरगना जगदीश बिश्नोई को भेजी थी। जगदीश ने बीकानेर से पेपर सॉल्व करवाया और उसके बाद अलग अलग लोगों को बेचकर करोड़ों रुपए कमाए। इस खेल में यूनिक ने अपने छोटे भाई विवेक भांबू, पड़ौसी रोहिताश्वर खीचड़ व दोस्त की भाभी को भी सॉल्वड पेपर पढ़वाकर एसआई परीक्षा पास करवाई। तीनों फिलहाल एसओजी की गिरफ्त में हैं।
स्कूल से पेपर लीक करवाने के बदले केंद्राधीक्षक को दिए महज 10 लाख रुपए, कमाए दो करोड़ से ज्यादा
गैंग सरगना जगदीश बिश्नोई की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में हुए खुलासे के अनुसार जगदीश ने धीरासर के यूनिक के जरिए जयपुर के रविंद्र बाल भारती सीनियर सैकंडरी स्कूल के केंद्राधीक्षक राजेश खंडेलवाल से सांठगांठ की। इसके बदले राजेश को 10 लाख रुपए दिए गए। राजेश ने पेपर पहुंचने से पहले यूनिक को स्टोर रूम की कोठरी में बैठा दिया। जैसे ही पेपर आए, स्टोर रूम को बाहर से बंद कर दिया। पहले से स्टोर रूम के अंदर बैठे यूनिक ने पेपर खोला और उसकी फोटो खींचकर व्हाटसएप पर जगदीश को भेज दी। जगदीश ने यह पेपर बीकानेर भेजकर इसे सॉल्व करवाया और बाद में अपनी गैंग के गुर्गों को भेजकर अभ्यर्थियों को पढ़ाया। दो दिन के इस खेल में गैंग ने दो करोड़ से अधिक रुपए कमाए।
यूनिक ने फौज की नौकरी छुड़वाकर भाई को एसआई बनाया
पेपर लीक करने वाले यूनिक ने अपने छोटे भाई विवेक को एसआई बनाने के लिए उसकी फौज की नौकरी छुड़वा दी। उसे समय से पहले ही बिना रिटायरमेंट लिए एसआई भर्ती परीक्षा में बैठा दिया। उसे सॉल्वड पेपर देकर पास करवा दिया। इस परीक्षा में विवेक को 24वीं रैंक मिली थी। विवेक बीए पास है। उसने पढ़ाई छोड़े कई साल हो गए। फिर भी पेपर मिलने पर पढ़कर पास हो गया, लेकिन अब एसओजी की गिरफ्त में है। हालांकि यूनिक अभी फरार है।
यूनिक लंबे समय से अनैतिक कार्यों में शामिल, लग्जरी लाइफ स्टाइल
पेपर लीक मामले का खुलासा होने के बाद यह बात सामने आ रही है कि यूनिक लंबे समय से इस तरह के अनैतिक कार्यों में सक्रिय है। वह खुद भी 2023 में ही वनपाल की नाैकरी लगा है। उसकी पत्नी थर्ड ग्रेट टीचर थी, जो हाल ही में ग्रेड सैंकड की टीचर बन गई। यूनिक के लाइफ स्टाइल काफी लग्जरी है। वह छोटी सी नौकरी के बावजूद अलवर के ट्रेनिंग सेंटर पर जाने के लिए चूरू से 45 लाख रुपए की फॉर्च्यूनर लेकर जाता था। कई बार उसे फॉर्च्यूनर और थार जैसी गाड़ियों से आते-जाते देखा गया था। यूनिक भांबू उर्फ पंकज 18 फरवरी से फरार चल रहा है।पेपर लीक के तार चूरू से जुड़े होने के बाद एसओजी टीम यहां से भी जांच-पड़ताल कर रही है। पंकज उर्फ यूनिक भांबू दुबई फरार हो चुका है।
भूदा का बास का फौजी रोहिताश्व भी रिटायरमेंट लेकर भर्ती परीक्षा में पास हुआ

मलसीसर क्षेत्र के भूदा का बास निवासी रोहिताश खीचड़ भी फौज से रिटायरमेंट लेकर एसआई परीक्षा में सफल हुआ। रोहिताश्व भी चूरू की उसी पूनिया कॉलोनी में रहता है, जहां यूनिक का परिवार रहता है। यूनिक के छोटे भाई विवेक व रोहिताश्व दोस्त हैं, क्योंकि दोनों फौज में थे। जब विवेक को पेपर मिला तो उसने रोहिताश्व को भी पढ़ा दिया। रोहिताश्वर के एसआई भर्ती परीक्षा में 385वीं रैंक बनी थी। बीए पास रोहिताश फौज से रिटायर होकर एसआई पद पर चयनित हुआ।
खुद वन विभाग में और पत्नी शिक्षा विभाग में करती है नौकरी
मूलत: झुंझुनूं निवासी मास्टर माइंड यूनिक भांबू पिछले करीब 15 साल से पूनिया कॉलोनी, चूरू में रह रहा था। वह खुद वन विभाग में था और उसकी पत्नी शिक्षा विभाग में नौकरी करती है। यूनिक का पासपोर्ट में नाम विवेक उर्फ यूनिक भांबू है। हालांकि कुछ लोग उसे पंकज चौधरी के नाम से भी जानते हैं। यूनिक का परिवार मूलत: धीरासर, मंडावा (झुंझुनूं) का रहने वाला है। यूनिक के पिता जगदीशचंद भांबू शिक्षा विभाग से रिटायर हैं। उनकी पोस्टिंग चूरू में ही थी, इसलिए परिवार चूरू आकर रहने लग गया था। यूनिक को वनपाल परीक्षा पास करने के बाद 21 अगस्त 2023 में पोस्टिंग मिली थी। इसके बाद वह चूरू से अलवर चला गया था। अलवर में ही उसने जॉइन की थी। अलवर में उसकी ट्रेनिंग भी चल रही थी।