Wednesday, May 21, 2025
spot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

जिसे मरा हुआ समझ रहे थे, वह जिंदा मिला, लेकिन 4 घंटे बाद अस्पताल में तोड़ दिया दम

झुंझुनूं। जिले के मुकुंदगढ़ थाना इलाके के डूंडलोद गांव की बलरिया रोड पर बने रेलवे अंडरपास में होली के दिन रात को कार में आग लगने और उसमें एक व्यक्ति के जिंदा जलने के मामले में यह तो साफ हो गया है कि उस कार में कंवरपुरा बालाजी निवासी सेना में कार्यरत सैनिक विकास भास्कर नहीं था। दरअसल सोमवार सुबह पुलिस को विकास भास्कर अपने घर में ही अचेत अवस्था में मिला। जिसके बाद पुलिस विकास भास्कर को अस्पताल लेकर पहुंची। लेकिन इलाज के दौरान विकास की मौत हो गई।

विकास के शव का मेडिकल बोर्ड और वीडियोग्राफी के साथ राजकीय जिला बीडीके अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया। मौके पर एसपी राजर्षि राज वर्मा व एसडीएम सुमन सोनल मौजूद रही। एसपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि पुलिस को परिजनों से सूचना मिली थी कि विकास ने कुछ दिन पहले परिजनों से संपर्क किया था। इसके बाद परिजनों को भी कहा गया था कि दुबारा कोई सूचना मिले तो पुलिस के साथ जरूर साझा करें। इसके अलावा पुलिस टीमें भी विकास को ढूंढने में लगी हुई थी। रविवार को विकास पुलिस को चुरू में दिखाई भी दिया था। लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई। सोमवार सुबह पुलिस के पास परिजनों से ही सूचना मिली कि विकास घर आया हुआ है। जिस पर पुलिस घर पहुंची तो वहां पर विकास मिला। लेकिन विकास अचेत अवस्था में था। जिसे पुलिस अपने और परिजनों को साथ लेकर पहले मुकुंदगढ़ सीएचसी पहुंची। जहां से उसे झुंझुनूं रैफर किया गया। झुंझुनूं में इलाज के दौरान विकास की मौत हो गई।

एसपी खुद पहुंचे बीडीके अस्पताल

फौजी की मौत के बाद बीडीके में एसपी राजर्षि राज।

एसपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि इस मामले में विकास से कोई पूछताछ नहीं हुई। इसलिए अभी भी पुलिस के सामने कई सवाल है। जिसके जवाब ढूंढने के लिए लगातार पुलिस जांच जारी है। वहीं डीएनए जांच रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है। ताकि पुलिस इस बात की अधिकारिक तौर पर पुष्टि कर सके कि कार में जो व्यक्ति जिंदा जला था। वो विकास भास्कर के पिता के बटाई पर लिए गए खेत में मजदूरी करने वाला महेश मेघवाल ही था। एसपी ने कहा कि पूरे मामले का खुलासा करने के लिए लगातार पुलिस टीमें प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि होली के दिन रात को कार में आग लगने के बाद यह संभावना जताई जा रही थी कि फौजी विकास भास्कर जिंदा जल गया है। इसके कुछ दिन बाद महेश मेघवाल के परिजन आए और उन्होंने कहा कि महेश घटना के दिन से लापता है और आखिरी बार वह विकास के साथ देखा गया था। उसी दिन से पुलिस ने अपनी जांच अलग बिंदुओं से शुरू की थी। जिसके बाद पुलिस को काफी हद तक सफलता भी मिली। लेकिन आज पहले तो विकास का अचेत हालत में मिलना और फिर इलाज के दौरान विकास की मौत होना। पुलिस के सामने इस प्रकरण को सुलझाने में एक नई चुनौती दे गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles