झुंझुनूं। चिड़ावा के उप जिला अस्पताल में प्रसूता की डिलीवरी करवाने के दौरान लापरवाही बरतने का बड़ा मामला सामने आया है। इस कारण नवजात की मौत हो गई। इसके बाद प्रसूता के परिजनों ने चिड़ावा की महिला चिकित्सक डॉ. टीना ढाका पर ईलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की है। शिकायत के बाद सीएमएचओ ने जांच कमेटी का गठन किया है। इस जांच कमेटी के बुलावे पर शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्य झुंझुनूं पहुंचे हैं।
जानकारी के मुताबिक 30 दिसंबर को चिड़ावा के समीप अडूका गांव की गर्भवती सुनिता मोयल को उप जिला अस्पताल चिड़ावा में भर्ती करवाया गया था। जहां पर महिला चिकित्सक डॉ. टीना ढाका ने महिला की जांच करवाई। जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉ. ढाका ने उसी दिन शाम को सुनिता मोयल को डिलीवरी करवाने के लिए कहा। पूरी रात सुनिता मोयल अस्पताल में भर्ती रही। वहीं सुबह सुनिता मोयल ने बच्चे को जन्म दिया। जिसे निजी अस्पताल ले जाया गया तो वहां के चिकित्स्कों ने बताया कि बच्चा मृत है और कुछ देर और हो जाती तो सुनिता की जान को भी खतरा हो सकता था।
इस मामले में चार जनवरी को सुनिता के पति ने चिड़ावा थाने में शिकायत की। मामला चिकित्सक से जुड़ा होने के कारण इस शिकायत को पहले सीएमएचओ को भेजा गया। सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने बताया कि शिकायत के बाद जिला बीडीके अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ. पुष्पा रावत, डॉ. श्रीराम दूलड़ और डॉ. कपिल सिहाग की एक कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी के बुलावे पर शिकायतकर्ता पहुंचे और अपने बयानों के अलावा सभी कागजात उपलब्ध करवाए। परिवार के सदस्यों का कहना है कि चिकित्सक डॉ. टीना ढाका और वहां के स्टाफ ने ना केवल लापरवही बरती। बल्कि उन्हें अंतिम समय तक गुमराह रखा। जिससे ना केवल बच्चे की जान चली गई। बल्कि प्रसूता की जान को भी खतरा हो गया। प्रसूता का अभी तक ईलाज चल रहा है। सीएमएचओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं परिजनों ने डॉ. टीना ढाका और दोषी स्टाफ पर कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले में डॉ. ढाका से भी संपर्क साधा गया। लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।