Thursday, February 13, 2025
spot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

कोलिहान खदान हादसा : खेतड़ी थाने में दर्ज करवाया केस, रस्सा टूटने से बॉटम बफर से टकराई थी लिफ्ट

खेतड़ी । कोलिहान खदान में कार्यरत मुख्य प्रबंधक ने कोलिहान खदान हादसे को लेकर बुधवार शाम खेतड़ी थाने में मामला दर्ज करवाया। रिपोर्ट में लिखा गया है कि रस्सा टूट जाने से केज बॉटम बफर से टकरा गया और दुर्घटना घटित हो गया। थानाधिकारी खेतड़ी भंवरलाल कुमावत ने बताया कि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड कोलिहान खदान में कार्यरत मुख्य प्रबंधक हरिचरण ने मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि 14 मई को शाम लगभग 7.30 बजे उपेंद्र कुमार पांडे मुख्य सतर्कता अधिकारी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, जीडी गुप्ता कार्यकारी निदेशक एवं इकाई प्रमुख, वनेन्दु भंडारी उप महाप्रबंधक, एके शर्मा उपमहाप्रबंधक खदान, एके बैरा सहायक महाप्रबंधक यांत्रिक, यशोराज मीणा सहायक महाप्रबंधक धातु कर्म, वीएस शेखावत मुख्य प्रबंधक उपकरण विद्युत, अरणव भंडारी मुख्य प्रबंधक खदान ,करण सिंह गहलोत मुख्य प्रबंधक खदान, आर एन सिंह वरिष्ठ प्रबंधक खदान, निरंजन साहू वरिष्ठ प्रबंधक गवेषण, प्रियतम सिंह प्रबंधक खदान, विकास कुमार पारीक, भागीरथ एवं हंसी राम केसीएम खदान में गए थे। केज जब खदान में उतर रहा था, तभी केज का रस्सा टूट गया।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही तुरंत रेस्क्यू टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचा। रात भर रेस्क्यू कार्य चलने के बाद बुधवार को लगभग 11.30 बजे सभी को खदान से बाहर निकाल लिया गया। इनमें उपेंद्र कुमार पांडे के अलावा सभी को इलाज के लिए जयपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उपेंद्र पांडे की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें प्राथमिक इलाज के लिए केसीसी अस्पताल रेफर किया गया। जहां उपेंद्र कुमार पांडे मुख्य सतर्कता अधिकारी को कंपनी के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। मृतक के शव का गुरुवार को पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।

टूट नहीं सकता रस्सा: खेतड़ी ताम्बा श्रमिक संघ के महासचिव  बिरदूराम सैनी का कहना है कि लोहे का रस्सा ऐसे टूट नहीं सकता। क्योंकि दस गुणा वजन पर उसको टेस्ट किया जाता है। आशंका है कि या तो उसमें कोई मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है या कैज फ्री हो गया या कुछ डिवाइस फैल हो गए, क्लिप खुल गई। रस्सा लिफ्ट पर जाकर गिरा है, ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि वह टूटा है या अन्य कोई कारण रहे। यह जांच का विषय है।

छह महीने में होती है जांच: लिफ्ट का रस्से की हर छह महीने में जांच होती है। अगर टेस्ट में पास हो गया तो दो साल तक चल सकता है। वर्तमान में जो रस्सा लगा हुआ था, उसे लगाए करीब छह महीने हो गए। लेकिन इसकी जांच हाल ही हो चुकी है। लिफ्ट थोड़ी स्लिप होती थी, उसकी शिकायत वर्कर करते थे। यह मौखिक रूप से ही शिकायत की गई थी।