चिड़ावा। सिंचाई के लिए नहरी पानी की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। चिड़ावा के लाल चौक में पिछले 15 दिन से धरना रहे किसानों को समर्थन में अब गांव गांव में धरने शुरू किए जाने लगे हैं। कई संगठन भी आगे आ रहे हैं। धरनार्थियाें का कहना है कि वर्तमान समय में केंद्र सहित हरियाणा व राजस्थान में भाजपा की सरकारें हैं। ऐसे में यमुना समझौते के तहत राजस्थान के झुंझुनूं जिले को दिए जाने वाले पानी में कोई अड़ंगा भी नहीं लगाएगा। इसलिए अब तीनों सरकारों को मिलकर किसानों की इस मांग को पूरा करना चाहिए।
नहर के पानी की मांग व जीवन बचाने की गुहार लगाते किसानों का धरना चिड़ावा- सिंघाना सड़क मार्ग बस स्टैंड लालचौक पर मंगलवार को 15वां दिन है। धरने की अध्यक्षता वयोवृद्ध किसान नेता मनीराम बागड़ी ने की। वहीं किसान सभा के नेता धरना स्थल पर गांव गांव चल रहे धरनों की रिपोर्ट ले रहे थे। कई किसान प्रतिनिधि मंडल अपने अपने गांव में धरना शुरू करने बाबत बैनर ले रहे थे। कोई बैनरों के लिए आवाज लगा रहे थे, जबकि प्रमुख मंडली जाजम पर सब गांव गांव के लोगों को प्रभात फेरी, रैली व घर घर प्रचार करने की सलाह व रणनीति तय करके बता रहे थे। धरने को संबोधित करते किसान सभा नेताओं व कार्यकर्ताओं के चेहरे जन जन व गांव गांव के जुड़ने से उत्साहित दिखाई दिए। उनका कहना था कि नहर नहीं चैन नहीं, नींद नहीं आती है। पानी की कमी के साथ फाका कसी की नौबत आ जाएगी। ऐसे में धरना मरने जीने का सवाल है। हरियाणा सरकार की नादिरशाही से शेखावाटी क्षेत्र के किसान अपने आपको ठगा महसूस करने लगे हैं। धरने पर किसान सभा जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला, तहसील अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चाहर, लोक कलाकार विजेंद्र शास्त्री, जगराम जोगी, रेशमा व सुनिता ढांढोत, राजबाला कलगांव, हवा सिंह तानाण, सतपाल चौधरी, राजवीर भाया, बनवारी लाल चाहर, रविन्द्र शर्मा व चेतन कुमावत पिचानवां, धर्मवीर चाहर, मुरारीलाल भार्गव चिड़ावा, सचिन अडूका, कपिल सेठ, शीशराम सैनी, प्रभराम सैनी, भूराराम सरपंच, अनिल अगवाना, सीताराम शर्मा, सुरेन्द्र सिंह, मोहन योगी, सुमेर वर्मा, कामरेड प्रेम सिंह बसेरा किढवाना, सौरभ सैनी, करण कटारिया, जयसिंह हलवाई, समाजसेवी महेश चाहर, राकेश यादव आदि उपस्थित रहे।