चिड़ावा। नहर के मुद्दे पर किसान सभा के बैनर तले चल रहे किसान आंदोलन का चिड़ावा-सिंघाना सड़क मार्ग बस स्टैंड लाल चौक पर 11वां दिन है। धरना सभा को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधान शेरसिंह नेहरा व अडूका सरपंच मोहन शर्मा ने कहा कि शेखावाटी के किसानों के जीने मरने का सवाल है। पानी के अभाव में शेखावाटी के किसानों का जीवन नष्ट हो जाएगा तथा आज राजस्थान में भाजपा के पच्चीस के पच्चीस सांसद मौजूद हैं और हरियाणा व केन्द्र में भाजपा की सरकार है। यदि अब भी मोदी जी शेखावाटी क्षेत्र के किसान का जीवन नहीं बचा पाते हैं तो ये क्षेत्र जापान के हीरोसीमा व नागासाकी की तरह वीरान व बंजर हो जाएगा और यहां के निवासियों को पलायन पर मजबूर होना पड़ेगा। जो पूरे हिंदुस्तान के लिए महासमस्या होगी। हिंदुस्तान में शेखावाटी क्षेत्र अलग ही महत्व रखता है। धरने पर सभा में बजरंग बराला, राजेंद्र सिंह चाहर, विजेंद्र शास्त्री, सतपाल चौधरी, शीशराम सैनी, जगराम जोगी, प्रधान सिंह चाहर, सुरेंद्र सिंह, कपिल सेठ, राजवीर भाया, सतवीर योगी, रामसिंह चारावास, भगवाना राम खानपुर, रविंद्र चाहर, संकेत बेरला, भूपेश सैनी, सौरभ सैनी, घड़सीराम महरिया, करण कटारिया, अनिल यादव, जयसिंह हलवाई, महेश चाहर आदि शामिल हुए।
अब हर जगह भाजपा सरकार, अब तो नहरी पानी पहुंचाओं
किसानों ने कहा कि अब राजस्थान व हरियाणा समेत केंद्र में भाजपा की सरकार है। यानी ताजेवाला हैड से पानी के लिए जिन राज्यों के बीच यमुना समझौता हुआ था, वहां सभी में अब भाजपा की सरकार है। ऐसे में अब नहरी पानी झुंझुनूं जिले तक पहुंचाने में किसी तरह की कोई अड़चन नहीं है। इसलिए सांसदों व विधायकों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाजपा सरकारों पर दबाब बनान चाहिए। ताकि पानी के संकट से जूझ रहे झुंझुनूं जिले के किसानों को सिंचाई के लिए यमुना नहर का पानी मिल सके। किसानों ने कहा है कि इस मांग को लेकर वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।