झुंझुनूं। सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ तो कई सालों से सूखी काटली नदी में भी एक बार फिर से पानी की कलकल सुनाई देगी। यहां यमुना का पानी एकत्रित करने के लिए रिजरवायर बनाने की योजना पर कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए मंगलवार को जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम ने काटली नदी क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर वाटर रिजरवायर (जलाशय) बनाने के लिए सर्वे किया। टीम ने काटली नदी के बहाव क्षेत्र में उदयपुरवाटी के भाटीवाड़, नाटास, चिड़ावा तहसील के खुडाना, लांबा गोठड़ा में निरीक्षण व सर्वे किया है।
यमुना जल समझौते के तहत शेखावाटी को हरियाणा के ताजे वाला हैड से सिंचाई व पीने के लिए पानी दिया जाएगा। यहां वाटर रिजवायर बनाया जाएगा, ताकि यमुना जल को जिले में स्टॉक किया जा सकें। क्योंकि यमुना में अत्याधिक बहाव के समय पानी व्यर्थ बहता है। इसलिए उस समय पानी का जिले में स्टॉक करने के लिए काटली नदी में रिजरवायर बनाने की योजना है। इसके तहत अधिकारियों ने जगह का सर्वे किया है। टीम ने काटली नदी के बहाव क्षेत्र में निरीक्षण व सर्वे किया है। गौरतलब है कि यहां वाटर रिजर्वेयर बनाया जाएगा। ताकि यमुना जल को जिले में अधिक बहाव होने पर रिजर्व किया जा सके। निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय त्यागी, अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार अग्रवाल, अधिशाषी अभियंता महेंद्र कुमार बुरड़क एवं नत्थमल खेदड़, सहायक अभियंता अभिषेक सैनी मौजूद रहे।
अधिकारियों ने बताया कि कई जगह सर्वे कर रहे हैं। खेतड़ी के अजीत सागर बांध व उदयपुरवाटी के निकट कोट बांध की लोकेशन भी देखी जाएगी। जहां स्थिति अनुकूल मिलेगी वहां रिजवायर बनाए जाएंगे। गौरतलब है कि 17 फरवरी 2024 को यमुना जल को लेकर हरियाणा, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच एमओयू हो चुका है। इसके तहत शेखावाटी के तीन जिलों चूरू, सीकर व झुंझुनूं को पानी मिलेगा। इसके लिए 3 से 4 वाटर रिजर्वेयर बनाए जाएंगे।