सूरजगढ़। थाना इलाके के बलौदा गांव में युवक के साथ पहले निर्ममता से मारपीट और उसके बाद हुई हत्या के मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बलौदा में परिवार से मिलने के बाद कहा है कि झुंझुनूं जिले में आबकारी विभाग ने एक शराब की दुकान के लाइसेंस में 10—10 दुकानें खुलवा दी है। यही कारण है कि ठेकेदार अब सिर्फ ठेकेदार नहीं रहे। बल्कि शराब बिक्री के लिए शराब माफिया बन गए है। शराब बिक्री ही बलौदा के रामेश्वर वाल्मिकी की हत्या का कारण बनीं है। इससे पहले सुंडा ने कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बलौदा पहुंचकर परिवार से मुलाकात की और उन्हें अपनी तरफ से आर्थिक मदद भी दी। इस मौके पर सुंडा ने कहा कि दुर्भाग्य है कि घटना के नौ दिनों के बाद भी अब तक भाजपा का कोई नुमाइंदा पीड़ित परिवार के आंसू तक पोंछने नहीं पहुंचा है। जिससे साफ हो जाता है कि भाजपा दलित, वंचित और महिला वर्ग की विरोधी है।
जब से प्रदेश में भाजपा की पर्ची सरकार बनी है। तब से दलितों, वंचितों, पिछड़ों और खासकर महिलाओं पर अत्याचार बढा है। कानून व्यवस्था लचर हो गई है। उन्होंने कहा कि बलौदा मामले में पूरी कांग्रेस रामेश्वर वाल्मिकी के परिवार के साथ खड़ी है। हर लड़ाई में कांग्रेस रामेश्वर वाल्मिकी का साथ देगी। सुंडा ने कहा कि प्रशासन भी सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रहा है। जो अवैध निर्माण तोड़े गए है। वो भी ऐसे कमजोर आरोपियों के तोड़े गए है। जिनके मां—बाप रेवड़ चराकर घर चलाते है। आज भी ना केवल दो आरोपी खुलेआम घूम रहे है। बल्कि दबंग अपराधियों पर कार्रवाई करने में प्रशासन और पुलिस कतरा रही है। इस मौके पर सुंडा ने एसडीएम और एडीएम से वार्ता कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने, आर्थिक सहायता देने, दोषियों को सजा देने तथा परिवार को सुरक्षा देने की मांग की। इस मौके पर पीसीसी सदस्य रणजीत चंदेलिया, पंचायतीराज के जिलाध्यक्ष राजकुमार राठी, भैसावता सरपंच मानसिंह सहारण, राजीव गांधी पंचायतीराज के प्रदेश सचिव विजय मील, नरेश अहलावत, विजय चंदेलिया, महेंद्र वाल्मिकी, संतोष वाल्मिकी, रेखा वाल्मिकी, उम्मेदसिंह शेखावत, मुकेश शेखावत, संजय, योगेंद्र सिंह शेखावत आदि ग्रामीणवासी मौजूद थे।
सुंडा का आरोप, 9 दिन बाद कार्रवाई करने पहुंचा विभाग, साफ होता है कि मंशा सही नहीं
इस मौके पर सुंडा ने कहा कि रामेश्वर वाल्मिकी की हत्या के नौ दिन बाद शुक्रवार को आबकारी विभाग शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने के लिए बलौदा पहुंचा। जिससे साफ हो जाता है कि विभाग की मंशा क्या है। लेकिन सच यह है कि लेकिन शराब माफियाओं और हथकढ़ शराब का कारोबार करने वाले लोगों विभाग के लोगों ने ही पूर्व सूचना कर गायब करवा दिया। जिससे इस टीम को फोटो सेशन करवाकर बैरंग ही वापिस लौटना पड़ा। उन्होंने बताया कि ना केवल बलौदा, बल्कि पूरे जिले में आबकारी विभाग ही शराब ठेकेदारों और शराब माफियाओं से गठजोड़ कर अवैध शराब की बिक्री करवा रहा है। यही कारण है कि शराब माफिया बिना कोई अंकुश के अवैध शराब बेच रहे है और अपराध बढ़ रहा है। झुंझुनूं जिला मुख्यालय समेत हर गांव और ढाणी में आबकारी विभाग ने एक शराब ठेके की आड़ अनगिनत अवैध ब्रांच और गोदामों तक में शराब बिक्री के ठेके खुलवा दिए है।
सुंडा ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने हमेशा की तरह इस कार्रवाई से पहले ही शराब माफियाओं को कार्रवाई की सूचना दे दी। जिससे ना केवल हथकढ़ शराब, उसे बनाने के उपकरण गायब हो गए। बल्कि हथकढ़ शराब के कारोबार से जुड़े लोग भी भूमिगत हो गए। सुंडा ने सवाल उठाया कि जो कार्रवाई तुरंत की जानी थी। उसके लिए विभाग नौ दिनों तक किसका इंतजार करता रहा। यही नहीं आबकारी विभाग लगातार बलौदा के शराब ठेकेदार को भी बचाने का काम कर रहा है। विभाग ने ठेकेदार को क्लीन चिट दे दी और तीन दिन के लिए उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया। जबकि कायदे से ऐसे शराब ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त करना चाहिए। लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी लगातार ठेकेदार को क्लीन चिट देने में जुटे हुए है। उन्हें या फिर सरकार को रामेश्वर वाल्मिकी की हत्या से कोई सरोकार नहीं है।