झुंझुनूं। जिला मुख्यालय पर स्थित एसीआई सीनियर सैकंडरी स्कूल, जिसे आकाश एकेडमी के रूप में भी पहचाना जाता है। जिसने अबकी बार भी 12वीं विज्ञान संकाय के बोर्ड परीक्षा परिणामों में साबित किया है कि झुंझुनूं की अपनी साइंस स्कूल है तो वो सिर्फ एसीआई सीनियर सैकंडरी स्कूल है। इस बार घोषित हुए परिणामों में स्कूल ने एक बार फिर अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए ना केवल शत—प्रतिशत परिणाम दिया है, बल्कि 12वीं विज्ञान वर्ग के हर दूसरे विद्यार्थी ने 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर स्कूल और परिवारजनों को गौरवान्वित किया है। एसीआई सीनियर सैकंडरी स्कूल के प्रबंध निदेशक विकास शर्मा और निदेशक मनोज शर्मा ने स्कूल की सफलता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एसीआई आज झुंझुनूं का अपना एक ऐसा ब्रांड है। जिसे साइंस स्कूल के साथ—साथ चिकित्सक और इंजीनियर बनने के अलावा हर क्षेत्र में आगे बढने के लिए एक सही जगह के रूप में पहचान मिली है। विकास शर्मा ने बताया कि 12वीं विज्ञान वर्ग में हर दूसरे बच्चे के 85 प्रतिशत से उपर अंक आए हैं। इसके अलावा तीन बच्चों ने 98, 25 ने 95 व 45 बच्चों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर स्कूल की टीम द्वारा करवाई जाने वाली पढाई को प्रमाणित किया है। सभी टॉपर्स विद्यार्थियों ने प्रबंध निदेशक विकास शर्मा और निदेशक मनोज शर्मा की गाइडेंस, एटीएस एंड एएटीएस, प्री बोर्ड एवं समयबद्ध परीक्षा प्रणाली प्रबंधन के मार्गदर्शन को सफलता का मूल मंत्र माना है।
इंडाली के दिनेश ने प्राप्त किए 98.80 फीसदी अंक

इस बार स्कूल टॉप करने वाले इंडाली गांव के दिनेश सिंह ने 98.80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। दिनेश सिंह ने 10वीं में जहां 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। वहीं उसने 12वीं में अपने अंकों का इजाफा किया है। दिनेश संस्थान के फाउंडेशन एआरटीएस प्रोग्राम का अनुसरण व स्कूल समय के अतिरिक्त नियमित 6-7 घंटे अध्ययन करता था। दिनेश के पिता प्रताप सिंह पंचायत समिति में लिपिक एवं माता प्रमोद कंवर गृहिणी है। छोटा भाई कक्षा-10 में अध्ययनरत है। दिनेश अध्ययन के अलावा फुटबाल के प्रति जुनून रखता है। आगे चलकर एसीआई का दिनेश आईआईटी सेक्टर में देश का गौरव बढाना चाहता है। दिनेश ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया। अपनी सफलता के बारे में बताते हुए दिनेश ने कहा कि अनुशासन के साथ पढाई करना चाहिए। वहीं गुरूजन या फिर माता—पिता जब पढाई के मोटिवेट करें तो उसके बाद एक—दो दिन नहीं, बल्कि पूरे वर्षभर मोटिवेशन के रूप में लेना चाहिए।
दिव्या कंवर बोली, एसीआई ने डॉक्टर बनने के सपनें को दिए पंख

एसीआई सीनियर सैकंडरी स्कूल की दिव्या कंवर ने भी इस बार 12वीं विज्ञान संकाय में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 98.20 फीसदी रिकॉर्ड अंक प्राप्त किए है। इससे पहले दिव्या के 10वीं में 88.67 प्रतिशत अंक थे। दिव्या के पति देश की सेवा करते हुए वीर गति को प्राप्त हो गए। लेकिन पिता के सपनों को लाडली पूरा कर रही है। दिव्या स्कूल समय के अतिरिक्त नियमित 7 घंटे अध्ययन करती थी। दिव्या अपने नानाजी के सानिध्य में अपने सपनों को पूरा कर रही है। माता रुकमेश कंवर गृहिणी है। बड़ा भाई आईआईटी की तैयारी कर रहा है। दिव्या अध्ययन के अलावा आउटडोर गेम्स के प्रति जुनून रखती है। आगे चलकर जन सेवा के रुप में डॉक्टर बन देश सेवा करना चाहती है। दिव्या ने बताया कि सभी के योगदान और बड़े भाई का मोटिवेशन ही उन्हें इस सफलता तक पहुंचा सका है। वे एम्स से एमबीबीएस करना चाहती है।
निर्मल जांगिड़ को विकास सर और मनोज सर ने किया मोटिवेट

एसीआई सीनियर सैकंडरी स्कूल में टॉपर्स में शामिल निर्मल जांगिड़ निकटवर्ती शोभा का बास का रहने वाला है। जिसने 12वीं विज्ञान वर्ग में 98 प्रतिशत अंक हासिल कर नया कीर्तिमान बनाया है। निर्मल जांगिड़ के 10वीं में 87.50 प्रतिशत अंक आए थे। जिसमें उसने इस बार गुरूजनों की गाइडेंस में बढाया है। निर्मल स्कूल समय के अतिरिक्त नियमित 6-7 घंटे अध्ययन करता था। निर्मल के पिता मनरूप जांगिड़ जीव विज्ञान प्राध्यापक एवं माता शकुंतला गृहिणी है। छोटी बहन कक्षा-6 में अध्ययनरत है। निर्मल अध्ययन के अलावा संगीत सुनना एंव ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढने के प्रति जुनून रखता है। आगे चलकर डॉक्टर बनना एवं जनसेवा के रुप में इसे आत्मसात करना परम लक्ष्य है। निर्मल ने बताया कि उन्हें एसीआई के एमडी विकास शर्मा और निदेशक मनोज शर्मा समेत अन्य गुरूजनों ने गोल अचीव करने के लिए जो मोटिवेशन दिया। वो इस सफलता का मूल कारण रहा। उन्हें अपने गोल अचीव करने के लिए अंदर से मजबूत बनाया और अब वे अपना सपना पूरा करेंगे।
ऐश्वर्य शर्मा ने कहा, जो कोंफिडेंस स्कूल में मिला, वो ही सफलता की सीढी साबित हुई

एसीआई सीनियर सैकंडरी स्कूल के प्रथम चार स्थानों में चौथे स्थान पर रहे दोरादास गांव के ऐश्वर्य शर्मा ने 97.60 प्रतिशत अंक हासिल किए। 12वीं विज्ञान वर्ग में ऐश्वर्य की इस सफलता पर सभी जगह खुशी का माहौल है। ऐश्वर्य ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में भी 97:50 प्रतिशत अंक हासिल किए। ऐश्वर्य स्कूल समय के अतिरिक्त नियमित 3-4 घंटे अध्ययन करता था। ऐश्वर्य के पिता विकास शर्मा आकाश अकेडमी में प्रबंध निदेशक एवं माता नीलम स्वास्थ्य विभाग में है। बड़ा भाई अनन्य शर्मा एसीआई संस्थान से पढ़ाई कर एम्स जोधपुर से एमबीबीएस कर रहा है। ऐश्वर्य सभी प्रकार की पुस्तकें पढने का शौक और संगीत कम्पोज करने में रुचि रखता है और आगे चलकर संगीतकार बनना चाहता है। ऐश्वर्य ने बताया कि उन्हें स्कूल में टीचर्स का मोटिवेशन और घर में जो पढने का माहौल मिला। उससे सफलता हासिल की है। कभी ना तो टीचर्स ने और ना ही पेरेंट्स ने प्रेशर दिया। जिससे उसे कोंफिडेंस मिला और इसी कोंफिडेंस से दम पर उन्होंने सफलता हासिल की है। ऐश्वर्य के कोंफिडेंस का इसी से पता चलता है कि उसे विश्वास है कि उसे देश की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज में एडमिशन मिलेगा।