Sunday, February 9, 2025
spot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

एक मेल नर्स के दबाव में चिकित्सा विभाग, कार्रवाई करने वालों पर ही कर दी कार्रवाई

झुंझुनूं। जिले के प्रभारी सचिव डॉ. समित शर्मा और जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल की फटकार के बाद भी एक मेल नर्स पर चिकित्सा विभाग पूरा मेहरबान है। जी, हां बात जखोड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी है। जहां पर मेल नर्स हरिसिंह पायल नर्सिंग आफिसर के पद पर कार्यरत है। लगातार और बिना बताए हरिसिंह पायल ड्यूटी से नदारद चल रहा था। अब भी बिना अवकाश स्वीकृति के ही हरिसिंह पायल ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। बावजूद झुंझुनूं का चिकित्सा विभाग हरिसिंह पायल को बीते 10 दिनों तक एक नोटिस तक नहीं दे पाया है। जबकि हरिसिंह पायल को एक कारण बताओ नोटिस देने वाले चिड़ावा बीसीएमओ डॉ. तेजपाल कटेवा को सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने तथा इसी हरिसिंह पायल को चार कारण बताओ नोटिस देने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. निलेश राज को अब जिला औषधि भंडार के प्रभारी डॉ. जितेंद्र सिंह ने कारण बताओ नोटिस थमा दिया है।

वो भी सिर्फ मीडिया में आई खबरों के आधार पर सीएमएचओ ने नोटिस थमा दिया तो औषधि भंडार के प्रभारी ने अस्पताल का निरीक्षण कर डाला। खास बात यह है कि चार्जशीट में साफ लिखा हुआ है कि मेल नर्स हरिसिंह पायल अपने निजी अस्पताल का संचालन चिड़ावा में करता है। जिसका नाम पायल हॉस्पिटल है। इस अस्पताल संचालन की वजह से ही वह काफी बार ड्यूटी से गायब रहता है। यह भी स्पष्ट है कि बार-बार नोटिस का जवाब भी हरिसिंह पायल द्वारा नहीं दिया जा रहा है। लेकिन आज दिनांक तक ना तो झुंझुनूं के जिला चिकित्सा विभाग ने हरिसिंह पायल को कोई नोटिस जारी किया है। और ना ही इस कथित पायल हॉस्पिटल के स्वामित्व और यहां पर सेवा देने वाले चिकित्सकों के बारे में जानकारी जुटाई है। जबकि सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी बिना कोई लिखित में जानकारी आए और जांच किए यह भी कह रहे हैं कि वो हॉस्पिटल हरिसिंह पायल का नहीं है। उनके रिश्तेदार बहन और बहनोई के नाम से होने की जानकारी दे रहे हैं।

यहां भी चौंकाने वाली बात यह है कि जिन रिश्तेदार बहन और बहनोई का नाम सीएमएचओ ले रहे हैं। उनके भी राजकीय सेवाओं में होने की चर्चा है। इससे यह बात तो साफ है कि अस्पताल में हरिसिंह पायल, उनकी बहन और बहनोई का कनेक्शन है। जो सभी सरकारी सेवाओं में हैं। तो भी चिकित्सा विभाग सिर्फ मामले में लीपापोती करने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। आपको बता दें कि इस मामले में जो चार्जशीट दी गई है। वो भी चिड़ावा एसडीएम द्वारा तैयार की गई है। झुंझुनूं का चिकित्सा विभाग सिर्फ एक डाकिये की तरह काम कर रहा है। कलेक्टर से जो चार्ज शीट आई। उसे निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को भिजवा दी। वहां से जो नोटिस आया। उसे मेल नर्स हरिसिंह को तामिल करवा दिया।

सवाल जो जवाब मांग रहे है…
-आखिरकार चिड़ावा का पायल हॉस्पिटल किसका है?
-हरिसिंह पायल का है तो सीएमएचओ किसी दूसरे का क्यों बता रहे हैं?
-यदि हरिसिंह पायल के बहन-बहनोई का है तो वो सरकारी सेवा में होने के बावजूद कैसे अस्पताल चला सकते हैं?
-मीडिया में आई खबरों पर हरिसिंह पायल को नोटिस देने वाले बीसीएमओ और पीएचसी प्रभारी को नोटिस क्यों?
-10 दिन बीत जाने के बाद भी पायल अस्पताल की जांच क्यों नहीं हुई?
-10 दिन बीत जाने के बाद भी हरिसिंह पायल को सस्पैंड क्यों नहीं किया गया?
-बिना अवकाश स्वीकृति के आज भी हरिसिंह पायल ड्यूटी पर नहीं आ रहा, फिर भी विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा?