Thursday, February 13, 2025
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एक बीघा जमीन के डेढ़ करोड़ रुपए दो और रेलवे लाइन डालो, गोठड़ा सीमेंट प्लांट के लिए प्रस्तावित रेल लाइन डालने के बदले किसानों ने प्रति बीघा मांगे डेढ़ करोड़ रुपए

खिरोड़। सीमेंट कंपनियों द्वारा बेरी गांव से गोठड़ा की ओर डाली जाने वाली रेलवे लाइन के विरोध में मंगलवार को बेरी गांव की गंगाबाड़ी कृषि फार्म पर किसानों की बैठक हुई। किसान नेता राधेराम गोदारा के मुख्य आतिथ्य में हुई बैठक में किसानों ने एक स्वर में हुंकार भरी और कहा कि हमारे खेतों में से रेलवे लाइन नहीं जाने देंगे। बैठक को संबोधित करते हुए किसान नेता राधेराम गोदारा ने कहा कि किसान अपनी ताकत को पहचाने और अपने हक की लड़ाई जरूर लड़े। किसान नेता गोदारा ने कहा कि किसान से बड़ा कोई नहीं है। इसलिए किसानों को एकजुट होकर ऐसा इतिहास रच देना चाहिए कि दुनिया याद रखें। किसान नेता राधेराम गोदारा ने अपनी ओर से किसानों की हर तरह से मदद करने का साथ देने का वादा करते हुए कहा कि इन सीमेंट कंपनियों द्वारा डाली जाने वाली रेलवे लाइन का जमकर विरोध करें और किसान एकजुट रहकर अपनी लड़ाई लड़े। गोदारा नवलगढ़ के बदराणा जोहड़े के मामले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के साथ-साथ जिले को यमुना नहर का पानी मिले। इस आंदोलन को साथ जोड़ना होगा। किसानों को अपने हक के लिए अपनी ताकत एकत्रित करनी पड़ेगी।

बेरी में हुई सभा में आए अतिथि।

उन्होंने किसानों को डेढ़ करोड़ रुपए बीघा के हिसाब से देने की मांग की। डॉ. शालिनी तोमर ने कहा कि किसानों की हक की लड़ाई के लिए पूरा साथ देंगे। पूर्व कलेक्टर चंदगीराम झाझड़िया ने कहा कि आंदोलन शुरू करने से पहले कानून से जुड़ी जानकारी जुटानी होगी। उन्होंने कहा कि खेतों के बीच में से प्राइवेट रेल लाइन डाली जाएगी। इसलिए किसानों को पूरे खेत का मुआवजा मिलना चाहिए। रेलवे लाइन के दोनों तरफ सर्विस लाइन डाली जाए। पूर्व कमिश्नर सहीराम बलौदा ने कहा कि प्राइवेट काम के लिए रेल लाइन डाली जा रही है। इसलिए किसानों को उचित मुआवजे के साथ-साथ कंपनी में रोजगार भी मिलना चाहिए। कमेटी बनाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। सीकर के उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल ने कहा कि किसानों को संगठित होकर आंदोलन करना होगा। किसानों को सीमेंट कंपनी में रोजगार नहीं दिया जा रहा है। मदनसिंह फांडन ने किसानों को एक करोड़ के हिसाब से मुआवजा देने की मांग उठाई। खिरोड़ सरपंच महावीर प्रसाद भामू ने किसानों को एकता की मिसाल कायम रखने के लिए प्रेरित करते हुए अपनी ओर से किसानों का हर तरह से साथ दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि श्री सीमेंट कंपनी में अपने चहेतों को ही रोजगार दिया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोग रोजगार से वंचित है। साथ ही इन सीमेंट कंपनियों ने किसानों से जमीन खरीदते समय भी भेदभाव जैसा बर्ताव किया है। जिससे किसानों को काफी नुकसान भुगतना पड़ा है।

सरपंच भामू ने कहा कि सीमेंट कंपनी द्वारा प्राइवेट रेल लाइन डाली जा रही है। इस बात को लेकर एसडीएम कार्यालय एवं सीमेंट कंपनी के सामने धरना दिया जाएगा। किसान नेता कैलाश यादव ने कहा कि रेल लाइन को लेकर गलत सर्वे रिपोर्ट बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने किसानों को एक करोड़ रुपए के हिसाब से मुआवजा देने की मांग उठाई। पूर्व सरपंच प्रभुसिंह शेखावत ने कहा कि सर्वे को लेकर जनप्रतिनिधियों को कोई रिपोर्ट नहीं दी जाती है। जिप सदस्य बीरबलसिंह गोदारा ने प्रभावित किसानों की संयुक्त मीटिंग बुलाने व आंदोलन की रूपरेखा तैयार करना होगा। बैठक को रामावतार महला, मोहनलाल चूड़ीवाल, फूलचंद सैनी, मोहरसिंह दूत, नरेंद्र कड़वाल, भास्कर दुल्लड़, व पूर्व पार्षद विजेंद्रसिंह सुंडा व कालूराम झाझड़िया ने भी संबोधित किया। युवा नेता राजेश पूनिया व विजेंद्र काजला ने संचालन किया। समाजसेवी मदनसिंह फांडन, अनिल मातवा, राजेश पूनिया ने आभार जताया। इस मौके पर पंचायत समिति सदस्य बनवारीलाल दूत, युवा नेता प्रमोद सैनी, राजूलाल मील चिमनाराम फांडण, कुशलाराम फांडण, पाबूदान सिंह शेखावत, मामराज सिंह मुंड, पूर्व सरपंच धर्मवीर मांठ, पितराम कारी, बाबूलाल कटेवा, एडवोकेट अनिल भामू, विद्याधर भामू, प्यारेलाल रणवां, अनिल सीगड़, महेंद्र सिंह, रतन सिंह झाझड़, जमालुद्दीन, जयप्रकाश काजला, कुशलाराम फांडण, ताराचंद काजला, मुकेश गढ़वाल, महेंद्र कुलहरि सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।