झुंझुनूं। झुंझुनूं में एक बार फिर ठगी की बड़ी वारदात सामने आई है। मामला साइबर क्राइम और आनलाइन ठगी से जुड़ा हुआ है। जहां पर एक व्यक्ति ने ना केवल खुद के खाते से, बल्कि अपनी पत्नी के खाते से भी ठगों को 30 दिन में 22 लाख 30 हजार रूपए ट्रांसजेक्शन कर दिया। लेकिन जब वापसी का मौका आया तो यह मोबाइल एप ही बंद हो गया। इस मामले में साइबर थाने में पीड़ित ने मामला दर्ज कराया है। साइबर थाना प्रभारी डीएसपी हरिराम सोनी ने बताया कि झुंझुनूं के जीत नगर निवासी एक व्यक्ति ने थाने में रिपोर्ट दी है कि उसने एक मोबाइल एप के जरिए शेयर ट्रेडिंग की थी। उसने 11 जनवरी से शेयर ट्रेडिंग शुरू की। पहले तो उसने पांच ट्रांजेक्शन में अपने खाते से 50—50 हजार करके ढाई लाख रुपए ठगों को भेजे।
इसके बाद उसने छह ट्रांजेक्शन के जरिए नौ फरवरी तक अपनी पत्नी के खाते से भी ठगों को 19 लाख 80 हजार रुपए भेज दिए। लेकिन जब उसने वापिस पैसे लेने के लिए ट्रांजेक्शन शुरू करना चाहा तो ना तो पैसे वापस आए और एप भी बंद हो गया। उसने इसकी सूचना साइबर थाना और टोल फ्री नंबर 1930 में दी। तो 1930 में दर्ज प्रकरण में तुरंत एक्शन करते हुए तीन लाख रुपए तो होल्ड पर हो गए। लेकिन शेष रुकम का अभी तक अता—पता नहीं है। साइबर थाना प्रभारी हरिराम सोनी ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि झुंझुनूं जिला पढा लिखा होने के बावजूद एक के 10 और एक के 20 के चक्कर में लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे है। उन्होंने कहा कि एक के 10 करने के चक्कर में लोग साइबर ठगों के चंगुल में फंस रहे है तथा 90 प्रतिशत लोग लोभ, लालच के चक्कर में ही चपेट में आ रहे है।
स्थायी वारंटी को किया गिरफ्तार
मुकुंदगढ़। पुलिस की टीम ने गुरुवार को स्थाई वारंटी को गिरफ्तार किया। थानाधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि 100 दिवसीय विशेष अभियान के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए फरार स्थाई वारंटी तनसीर पुत्र बुधराम को गिरफ्तार कर लिया गया है। थानान्तर्गत गांव डूमरा ताश पत्ती पर जुआ खेलते दो जनों मंगेजराम भोपा और कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया गया। कार्यवाही करने वाली टीम में थानाधिकारी महेंद्र सिंह, दामोदर प्रसाद, राजवीर सिंह, राजकुमार, शिवप्रसाद शामिल रहे।