झुंझुनूं। संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान का हलका असर झुंझुनूं में भी देखने को मिल रही है। कई जगहों पर सांकेतिक जाम लगाए गए, तो वहीं झुंझुनूं जिला मुख्यालय से निकलने के बाद ढिगाल से पहले स्थित टोल बूथ को भी करीब आधे घंटे के लिए किसानों ने टोल फ्री करवा दिया। इस दौरान टोल नाके से गुजरने वाली किसी भी गाड़ी का टोल टैक्स नहीं लेने दिया गया। किसानों का कहना था कि यह सांकेतिक प्रदर्शन है। सरकार ने मांगें नहीं मानी तो अनिश्चतकाल के लिए टाेल नाके को बंद करवा दिया जाएगा।
जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष कैलाश यादव व अखिल भारतीय किसान महासभा जिला महामंत्री मदन यादव के नेतृत्व में किसान ढिगाल से पहले स्थित टोलबूथ पहुंचे और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर नारेबाजी करते हुए किसानों ने करीब आधे घंटे तक टोल पर वाहनों की आवाजाही को फ्री करवा दिया। इस मौके पर मदन यादव ने कहा कि 18 फरवरी को संयुक्त मोर्चे की बैठक होगी। जिसमें निर्णय लिया जाएगा।
इसके बाद पूरे देश के किसान दिल्ली की ओर से कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी कानून बनाते हुए लागत का डेढ गुना मूल्य देने का वादा किसानों से किया था। तो वहीं हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा युवाओं से किया था। जो सब जुमले साबित हुए। हालात यह है कि सेना भर्ती को भी चार साल की नौकरी बना दी। वहीं जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष कैलाश यादव ने बताया कि आज भारत बंद के आह्वान को समर्थन देते हुए टोल फ्री करवाया गया है। एमएसपी कानून लागू करने, किसानों पर गाड़ी चढाने वाले केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने, किसानों पर लगाए गए मुकदमे वापिस लेने तथा किसान आंदोलन में शहीद हुए 700 किसानों को सहायता देने जैसे लिखित समझौते को लागू करवाने के लिए किसान फिर से सड़कों पर है।
किसानों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, कहा—केंद्र सरकार ने नहीं मानी मांग, तो झुंझुनूं के किसान भी दिल्ली जाएंगे

झुंझुनूं। शुकव्रार को संयुक्त किसान मोर्च के भारत बंद के आह्वान के तहत झुंझुनूं के कलेक्ट्रेट पर किसान नेताओं ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार को चेताया कि यदि किसानों की वाजिब मांगों को नहीं माना गया और दमनकारी नीति बंद नहीं की गई तो झुंझुनूं जिले का किसान भी दिल्ली कूच करेगा। पूर्व उप जिला प्रमुख विद्याधर गिल तथा किसान नेता कैप्टन मोहनलाल के नेतृत्व में किसान प्रतिनिधियों ने जमकर नारेबाजी की और कहा कि पंजाब चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद तीनों काले कानून वापिस लेने की घोषणा करते हुए ना केवल माफी मांगी थी। बल्कि गारंटी दी थी कि एमएसपी पर कानून बनेगा।
लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद एमएसपी की गारंटी की कोई बात नहीं कर रहे है। अब तक किसान अपने समझौते को लागू करवाने के लिए दिल्ली जा रहा था तो हरियाणा सरकार ने रास्तों में कीले ठोक दी। जो सही नहीं है। पूरे देश के किसानों में गुस्सा है। यदि सरकार एमएसपी पर कानून समेत अन्य लिखित समझौते पर काम नहीं करती है तो झुंझुनूं जिले से भी किसान दिल्ली के लिए कूच करेंगे।