मुकुंदगढ़। होली की रात डूंडलोद के बलरिया अंडरपास में कार में जिंदा जलने के मामले का पटाक्षेप हो गया। कार में फौजी विकास नहीं जला था, बल्कि किसी ओर को जलाया गया था। जिस दिन हादसा हुआ था, उस दिन परिजनों व पुलिस ने कार में जलने वाले को फौजी विकास मानकर अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन फौजी विकास सोमवार को जिंदा घर पहुंचा और इसके चार घंटे बाद उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके बाद सोमवार को दुबारा उसके घर से फौजी विकास की अर्थी उठी ओर अंतिम संस्कार किया गया। यानी फौजी विकास समझकर पहले 25 मार्च को उसके घर से अर्थी उठाई गई थी और अब आठ दिन बाद 01 अप्रैल को फिर से उसकी अर्थी उठाई गई।
उधर, मजदूर महेश के परिजनों को मिली सिर्फ उसकी राख
महेश मेघवाल के घर सोमवार को रिश्तेदारों, मोहल्ले और समाज के लोगों का जमावड़ा रहा। महेश के पिता 80 साल के बूढ़े पिता नारायणराम की आंखों में बेटे महेश को खोने का गम साफ झलक रहा था। इससे भी बड़ा गम यह था कि वे बेटे के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए। उन्हें बेटे के शव की जगह उसका अंतिम संस्कार करने के बाद बची राख (अस्थियां) सौंपी गई। यह भी परिवार के लोगों ने श्मशान में जाकर एकत्रित की और प्लास्टिक के कट्टे में भरकर लाए। इसके अलावा पुलिस ने कलश में अस्थियां सौंपी। नारायणराम व परिवार के लोगों का कहना है कि अब इसी राख के जरिए बेटे की अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाएंगे। अब कट्टे में मिली रख और अस्थियों के से वे हिंदू रीति रिवाज के अनुसार सारी रस्में पूरी करेंगे।
महेश के परिजनों ने फौजी विकास, उसकी पत्नी व चचेरे भाई के खिलाफ हत्या का केस कराया
इस मामले में पुलिस में हत्या का मामला दर्ज करवाया गया है। डूंडलोद निवासी महेश मेघवाल की भतीजी सुनीता ने पुलिस में डूंडलोद के कंवरपुरा बालाजी निवासी विकास भास्कर, उसकी पत्नी कविता, रमेश उर्फ सोनू के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है। उसने रिपोर्ट दी कि इन आरोपियों ने एकराय होकर आपराधिक षडय़ंत्र रचकर उसके चाचा महेश का अपहरण कर गाड़ी में डालकर ले गए और योजनाबद्ध तरीके से उनकी हत्या कर दी। इसके बाद हादसे का रूप देने के लिए अंडरपास में कार में ड्राइवर सीट में बैठाकर पेट्रोल व केमिकल डालकर कार को जला दिया। रिपोर्ट में बताया कि उसके चाचा महेश के 24 मार्च को लापता हुए थे। रिपोर्ट में बताया कि आरोपियों को षडयंत्र के पीछे विकास को मृत दिखाकर बीमा कंपनी से मिलने वाली बड़ी क्लेम की राशि तथा सरकार से मिलने वाले सभी फायदों का लाभ उठाना चाहते थे।