उदयपुरवाटी। विधानसभा क्षेत्र के गुढ़ागौड़जी आकियावाली पहाड़ी में पिछले 54 दिन से अवैध ब्लास्टिंग अवैध खनन के खिलाफ कर रहे विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को ही प्रशासन की ओर से कार्रवाई करने की बजाय नोटिस थमा दिए। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि चाहे प्रशासन हमें कितने ही नोटिस दे दे। लेकिन किसी भी सूरत में माफियाओं को अवैध ब्लास्टिंग व अवैध खनन नहीं करने देंगे। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन की ओर से माफिया के साथ मिलीभगत कर उन पर कार्रवाई करने की बजाय ग्रामीणों को नोटिस देखकर लज्जित व परेशान किया जा रहा है।
ग्रामीण पिछले 54 दिन से राकेश गढ़वाल के नेतृत्व में माफिया के खिलाफ लगातार दरी लगाकर शांतिपूर्वक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान विरोध प्रदर्शन करने वालों में सुभाष, राजपाल, राकेश गढ़वाल, महिपाल गढ़वाल, सीताराम मेघवाल, विनोद, वेदप्रकाश, शिशुपाल, शीशराम, बजरंगलाल, शीशराम गोदारा, कैप्टन पाबूदानसिंह, ख्यालीराम गढ़वाल, जोगेंद्र आदि मौजूद थे।
श्री सीमेंट कंपनी की रेल लाइन से प्रभावित क्षेत्र के किसानों की बैठक आज झाझड़ में
खिरोड़। श्री सीमेंट गोठड़ा के लिए प्रस्तावित रेल लाइन से प्रभावित किसानों की बैठक शनिवार को शाम 4 बजे झाझड़ गांव की गौशाला में होगी। रेल लाइन से प्रभावित किसानों कि निगरानी कमेटी के अध्यक्ष रतनसिंह शेखावत ने बताया कि रेल लाइन से प्रभावित किसानों की आपातकालीन मीटिंग गौशाला झाझड़ में रखी गई है। जिसमें सीकर एवं झुंझुनूं दोनों जिलों के प्रभावित गांवों के किसानों को बुलाया गया है। बैठक में प्रभावित किसानों की मौजूदगी में रेल लाइन नहीं डाली जाने को लेकर किए जाने वाले संघर्ष की रणनीति भी तैयार की जाएगी।
जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश यादव ने बताया कि 16 जनवरी से जब से अखबार में प्रस्तावित रेल लाइन के संबंध में विज्ञप्ति जारी हुई है। तब से क्षेत्र के किसान जिनकी जमीन इस रेल लाइन में आ रही है। सब भयभीत है। इसके विरोध में प्रभावित किसानों ने अपनी आपत्ति उपखंड अधिकारी नवलगढ़ एवं उपखंड अधिकारी सीकर को दर्ज करवा दी है। मगर फिर भी प्रशासन की तरफ से एक-दो दिन में नया सर्वे करने के लिए टीम आ सकती है। इसको देखते हुए किसानों को किस तरह की तैयारी करनी है। इसके लिए आपातकालीन मीटिंग बुलाई गई है।
किसान नेता कैलाश यादव ने बताया कि प्रस्तावित रेल लाइन से किसान की जमीन के दो टुकड़े हो रहे हैं। जो बुवाई के काम में नहीं आ सकते। किसान की जमीन आड़ी तिरछी करके रेल लाइन निकाली जा रही है। जिससे यहां के छोटे किसान ज्यादा प्रभावित होंगे। किसान इसी जमीन पर निर्भर है। इसलिए किसी भी सूरत में इस रेल लाइन को नहीं निकलने देंगे। जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश यादव ने क्षेत्र के प्रभावित किसानों को इस बैठक में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान किया है।