Sunday, February 9, 2025
spot_imgspot_img

Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

अंडर पास में कार के साथ जल कर मरा युवक फौजी विकास नहीं, बल्कि मजदूर महेश था, फौजी को हिरासत में लिया

झुंझुनूं । होली की रात डूंडलोद के पास रेलवे अंडर पास में कार के साथ जल कर मरा युवक डूंडलोद का फौजी विकास भास्कर नहीं था। बल्कि उसके पिता के पास खेत में मजदूरी करने वाला गांव का महेश मेघवाल था। जिसे खुद विकास ने ही शराब पिलाकर मारा और उसके बाद अपनी ही कार में उसे जला दिया, ताकि हादसे में उसकी खुद की मौत लगे। इस षड्यंत के पीछे उसकी मंशा हाल ही में करवाई गई उसकी डेढ़ करोड़ रुपए की बीमा पॉलिसी है। हादसे में खुद की मौत साबित कर वह बीमा क्लेम उठाना चाहता था, लेकिन उसका भंडाफोड़ हो गया।

षड्यंत्रकर्ता फौजी विकास

पुलिस ने मुखबिरों की सूचना पर हादसे का ड्रामा रचने वाले फौजी विकास भास्कर को सोमवार सुबह करीब छह बजे उसके कंवरपुरा (डूंडलोद) स्थित घर में दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया। बहरहाल उसकी तबीयत खराब है। इसलिए उसे मुकुंदगढ़ सीएचसी से झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  मुकुंदगढ़ राजकीय अस्पताल में मेडिकल जांच में विकास फौजी की शुगर 40 आई। गंभीर स्थिति को देखते हुए झुंझुनूं बीडीके अस्पताल के लिए किया रैफर। मुकुंदगढ़ सीएचसी के चिकित्सकों के अनुसार विकास फौजी अर्धचेतन अवस्था में मिला है। विकास का शुगर लेवल 40 आया। ज्यादा नींद निकालने और भूखा रहने से शुगर और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।

दरअसल 24 मार्च की रात काे बलरिया रेलवे अंडरपास में एक कार में अाग लगने से एक युवक जिंदा जल गया था। तब पुलिस अाैर परिजनाें ने इसकी पहचान कंवरपुरा डूंडलोद‎ निवासी फाैजी विकास भास्कर (24)‎ के रूप में की थी और अंतिम संस्कार कर दिया। इस मामले में नया माेड़ तब अाया जब डूंडलोद के उतराधा माेहल्ले के उसी दिन से लापता महेश मेघवाल के परिजनों ने 28 मार्च काे मुकुंदगढ़ थाने पहुंचकर कहा कि घटना वाले दिन से महेश लापता है। उसका माेबाइल भी बंद है। वह कंवरपुरा में फौजी विकास भास्कर के पिता के यहां खेत में मजदूरी करता था। घटना के दिन दोनों साथ में देखे गए थे। इसके सीसीटीवी फुटेज भी हैं। इसके बाद पुलिस ने हादसे की अन्य एंगल से जांच की तो शक का दायरा बढ़ता गया।

दो दिन पहले रेवाड़ी से फोन कर ममेरे भाई से मांगे थे रुपए
घटना के बाद 24 मार्च को ही फौजी विकास दिल्ली चला गया। लेकिन चार दिन बाद 29 मार्च को वह ट्रेन से वापस झुंझुनूं आ रहा था। इस दौरान उसने ट्रेन में मिले मेहरादासी के एक युवक से फोन मांगकर अपने ममेरे भाई को कॉल किया और उससे उसी नंबर पर कुछ रुपए फोन पे करने के लिए बोला। लेकिन ममेरे भाई ने मना कर दिया। इधर, परिजनों पर पुलिस का शिकंजा बढ़ता देख ममेरे भाई ने यह बात पुलिस को बता दी। इसके बाद पुलिस ने उस नंबर की लोकेशन निकलवाई और उस युवक से पूछताछ की। उसे फौजी विकास का फोटो दिखाया तो उसने अपने फोन से उसे बात करवाने की पुष्टि कर दी। इसके बाद पुलिस ने सभी रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इनमें उसके नवलगढ़ तक पहुंचने की बात सामने आ गई। पुलिस के बढ़ते दबाब के बीच परिजनों ने उसका सरेंडर करवा दिया।